जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि जाति के आधार पर जनगणना में और ‘‘देरी’’ हुयी तो सरकार को संयुक्त विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ेगा और उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक को उसके मौजूदा स्वरूप में विरोध करती रहेगी.
जाति के आधार पर जनगणना में देरी को लेकर केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए यादव ने कहा, ‘‘जनगणना में जाति को शामिल किए जाने पर राजग एवं संप्रग दोनों में पूर्ण सहमति है. एक दो सदस्यों को छोड़कर कांग्रेस में इसका व्यापक समर्थन है. अगर वे देरी के लिए बहाना बनाते हैं तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.’’ उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रियों के समूह के गठन को लेकर संदेह पैदा होता है कि सरकार इसमें देर करना चाहती है.
यादव ने हाल ही में आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार मामले में देर करना चाहती है. महिला आरक्षण विधेयक के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्वरूप में विधेयक को समर्थन देने का सवाल ही नहीं है. इस संबंध में हमारा विरोध नया नहीं है. हम इसका खुलेआम विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस सहित विभिन्न दलों में अधिकतर नेता इसे नहीं चाहते लेकिन वे सार्वजनिक रूप से इसे व्यक्त नहीं कर सकते.’’
यादव ने कहा, ‘‘सवाल संप्रग या राजग का नहीं है. अगर पार्टियां व्हिप जारी नहीं करती हैं तो विधेयक गिर जाएगा. उसे कहीं से समर्थन नहीं मिलेगा.’’ उन्होंने याद किया कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने उन्हें और मौजूदा स्वरूप में विधेयक का विरोध करने वाले अन्य लोगों को आश्वस्त किया था कि इस संबंध में एक सर्वदलीय बैठक के बाद ही फैसला किया जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि अगले सत्र के दौरान लोकसभा में विधेयक पेश किए जाने पर विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया होगी, यादव ने कहा, ‘‘वे इस प्रकार कैसे विधेयक पारित करवा सकते हैं. इसका लोकसभा में भारी विरोध होगा. यह राज्यसभा नहीं है जहां उन्होंने नौ मार्च को मार्शल की मदद से सदस्यों को बाहर कर विधेयक पारित करवा लिया.’’ यादव ने उच्च सदन में विधेयक के पारित होने के दौरान पार्टी के अंदर मतभेद उभरने की बात को बहुत तवज्जो नहीं दी.
Monday, July 12, 2010
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