नई दिल्ली. जातिगत जनगणना के मसले पर फैसला लेने में केंद्र सरकार की देरी मौजूदा प्रक्रिया को और लंबा खींच सकती है। उस स्थिति में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया को दोबारा मशक्कत करनी पड़ेगी।
फिलहाल, केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस बारे में कोई दिशा-निर्देश न मिलने पर रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने मौजूदा प्रक्रिया को ही आगे बढ़ाने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, अगर केंद्र जनगणना में जाति को भी जोड़ने का फैसला करता है तो वह उन लोगों से जाति कैसे पूछेगा, जिनसे विवरण पहले ही लिए जा चुके होंगे। इसके अलावा जाति पूछने के लिए नए फार्म की जरूरत होगी, जिसमें जाति संबंधी कॉलम हो। फार्म छपवाने और उसे सभी संबंधित कार्यालयों तक पहुंचाने में भी समय लगेगा।
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