वर्तमान जनगणना से अलग अगले साल जाति जनगणना करवाने के कैबिनेट के फैसले पर फिर से विरोध शुरू हो गया है।
जाति जनगणना को लेकर संसद में काफी उग्र रहे जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव ने आरोप लगाया कि कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी ने संसद का भरोसा तोड़ दिया। सरकार का फैसला न सिर्फ पैसे की बर्बादी है बल्कि पूरी गणना का उद्देश्य ही विफल कर देगा। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को पत्र भेजकर उन्होंने पुनर्विचार करने और वर्तमान जनगणना में ही इसे लागू करने की मांग की।
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