Monday, May 10, 2010

जाति आधारित जनगणना : 2014 से पहले आकलन मुश्किल

जाति आधारित जनगणना शुरू होने के बाद भी इसके प्रामाणिक आंकड़े 2014 से पहले हासिल होना मुश्किल हैं। इनके आकलन और वर्गीकरण में तीन साल का समय लगने के आसार हैं।
गृह मंत्रालय का कहना है कि जनगणना करने वाले जाति प्रमाणित करने में सक्षम नहीं होंगे। जाति के निरीक्षण और सत्यापन के लिए अलग से मशक्कत करनी होगी। राज्यों मंे जातियों को लेकर समस्याएं हैं, जिससे उनका वर्गीकरण करना और कठिन हो जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा,‘देशभर में करीब छह हजार जातियां और करीब 65 हजार से ज्यादा उपजातियां हैं। देश के एक सौ बीस करोड़ से ज्यादा लोगों के डाटा से उनकी जाति का आंकड़ा जुटाना जटिल काम है।’ आंकड़े जुटाने के बाद सत्यापन का काम सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय को दिया जा सकता है। ऐसे में उसे भी इसकी तैयारी जल्द शुरू करनी होगी।
दो चरणों में जनगणना - पहला चरण : घरों को चिह्न्ति करने के साथ उनकी गिनती। दूसरा चरण : नेशनल पापुलेशन रजिस्टर के लिए आंकड़े जुटाए जाएंगे। 9 से 28 फरवरी के बीच 21 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे।
जाति आधारित जनगणना पर तैयार हुई सरकारलोकसभा में जाति आधारित जनगणना पर अधिकांश दलों को एकमत देखकर केंद्र सरकार इसके लिए तैयार हो गई है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को सदन में आश्वासन दिया कि जल्द ही कैबिनेट में इस मुद्दे को देखा जाएगा। वहीं, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद परिसर में कहा कि इस बार की जनगणना में जाति को शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जाति का विश्लेषण नहीं कर रहे हैं, बल्कि संख्या की गिनती की जाएगी। इससे पहले जब गृह मंत्री पी चिदंबरम ने जाति आधारित जनगणना पर अपना पक्ष रखने की कोशिश की तो विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और सदन में हंगामा होने लगा। शोर-शराबे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।यूं बदला माहौल : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और जद-यू अध्यक्ष शरद यादव, भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे आदि सत्तापक्ष की बंेच पर पहुंचकर प्रधानमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुखर्जी से बात करने लगे। सोनिया ने लालू, मुलायम से अलग से बात की। इसके बाद मुखर्जी ने इन नेताओं को संकेत दे दिया कि सरकार जाति आधारित जनगणना के लिए तैयार है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि चिदंबरम के बयान के बाद जब सोनिया गांधी ने मुलायम और लालू से अलग से बात की, तभी लग गया था कि फैसला हो जाएगा। उनकी बात पर सोनिया मुस्करा दीं और बगल में बैठे मुखर्जी की ओर इशारा करती दिखीं।सबने किया स्वागत : प्रधानमंत्री के आश्वासन का सभी दलों के नेताओं ने स्वागत किया। राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा कि आप पर पूरे सदन को भरोसा है। मुलायम ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष दोनों को धन्यवाद दिया। जद-यू प्रमुख शरद यादव ने कहा कि यह मांग पिछले साठ साल से चली आ रही थी और सरकार ने बड़ा दिल दिखाया है।

No comments: